Saturday, 4 December 2021

शादी नहीं तमाशा है

शादी नहीं तमाशा है
आज के जमाने का नया नया फंसाना है
कुछ छिपा नहीं
सब कुछ सरे-आम
कहने को दीवाना
हरकतें ऐसी सबको पड रहा लजाना
क्या घराती
क्या बराती
सबने दबा रखी दाँतो तले ऊंगली
शर्मनाक हरकतें
विवाह की पावन पुण्यवेदी पर
क्या कहें
आज के नौजवानों को
युवा पीढ़ी को
शर्म हया सब घोल कर पी  गई
बस दिखावट में सिमट कर रह गई।

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