42 वर्ष पूरे
एक- दूसरे का साथ निभाते
कभी मानना कभी मनवाना
कभी इशारों पर चलना कभी चलवाना
कभी साथ - साथ और पास - पास
कभी दूर - दूर
कभी सुख कभी दुख
कभी गम कभी खुशी
कभी नाराजगी और गुस्सा
कभी हंसी और मुस्कान
कभी झगड़ा कभी मनौवल
कभी हमने माफ किया कभी उन्होंने
एक दूसरे की गलती को नजरअंदाज करते हुए
एक दूसरे को माफ करते हुए
इतने साल कैसे बीत गए
पता ही नहीं चला
युवावस्था से सीनियर सीटिजन की कैटिगरी
कभी कुछ सोचकर मुस्कान
कभी कुछ सोचकर गुस्सा
तब भी यह साथ निभ गया
लोगों के सहयोग से
अपनों के साथ
सभी को तहे दिल से धन्यवाद
आगे भी सबका आशीर्वाद और स्नेह बना रहे
शुक्रिया सभी को
हमसफर को तो शुक्रिया है ही
जो भी इस सफर के साथी बने
उन्हें भी
हमारा परिवार , हमारे रिश्तेदार ,हमारे पडोसी ,हमारे दोस्त
हर उस शख्स को
जिसने कुछ भी सहयोग दिया हो
इस जीवन यात्रा में
सबसे पहले और सबसे बाद
उस ईश्वर को
जिसकी कृपा हमेशा रही
मैं जिंदगी का साथ निभाता गया
हर फिक्र को धुएं में उड़ाता गया ।
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