Tuesday, 27 September 2022

मेरी बेटी मेरी शक्ति

मेरी बेटी मेरी शक्ति
मेरा मान मेरा अभिमान
मेरी छाया मेरा प्रतिरूप
मेरा सहारा मेरा आधार
वह है बेमिसाल
नाज है उस पर
इससे नहीं कि वह मेरी बेटी है
बल्कि इससे कि मैं उसकी माँ हूँ
मेरी उससे पहचान है

माँ - बेटी का रिश्ता
सबसे है अनोखा
सबसे है अनमोल
सबसे समझदार
माँ की ममता
बेटी का प्यार
इसमें नहीं किसी और का काम
नहीं किसी का मोहताज
यह संग है बेमिसाल

बिन कहे बिन सुने
मन की भाषा पढ ले
एक दूसरे को जान समझ ले
कितना भी हो गिला शिकवा
एक पल में हो जाय काफूर
माँ बेटी पर जान छिड़कती
उसको पाकर धन्य समझती
वह सपने जो उसने देखें
बेटी के माध्यम से पूरा करती
दोनों एक-दूसरे की बात दिल पर नहीं लेती
मन मिलता है
दिल खुलता है
वह तो बस उसके समक्ष
उसका भरोसा उस पर
जितना नहीं और किस पर
माॅ को तो जितना समझती है बेटी
उतना दूसरा कोई नहीं

बेटा अपना होकर भी पराया
बेटी पराया होकर भी अपनी
यही सच है जीवन का
संबंधों को जोड़ने वाली बेटी ही होती है
वह कैसी भी हो 
पर अपनी ही होती है
माता-पिता के जिगर का टुकड़ा होती है
वह पराई नहीं ताउम्र हमारी होती है
बेटी तो बेटी ही होती है
हमेशा दिल के करीब होती है
हर रिश्ते की जान होती है
सही है 
बेटी तो बहुत प्यारी होती है

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