पचास के बाद भी जिंदा तो रहना ही है न
तब जीते जी मरी हुई बेमानी जिंदगी क्यों जीए
पूर्ण उत्साह और खुशी के साथ क्यों नहीं
पचास तक आते आते कमोबेश सारी जिम्मेदारी पूरी
अब बच्चों को माॅ की जरूरत नहीं
घर खाली खाली सा लगता है
पहले जैसी बात नहीं रहती
इतना निराश क्यों
अभी से थक जाना
क्यों नहीं नई जिंदगी शुरू करना
जिंदगी के नए ताने बाने बुनना
करने को तो बहुत है
घर की चहारदीवारी से बाहर निकल कर देखें
अपने शौक और इच्छाओं के बारे में सोचे
अभी तो मौका मिला है
अब तो फ्री है
पंखों की उडान अभी बाकी है
जिंदगी अभी कहाँ खतम हुई है यार
अब तक अपनों के लिए
अब अपने लिए जीना सीखना है
अभी भी बहुत कुछ बाकी है
उठने की कोशिश करें
जोश और उत्साह से
असंभव को संभव कर दिखाएं
लोग कहें कि
यह तो पचास बरस की यौवना है
मुठ्ठी में आसमान समाना है
उम्र को धता बताना है ।
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