डुबते हुए सूरज को नहीं
छठ पर्व ऐसा है
जहाँ उगते हुए सूर्य के साथ डूबते हुए सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है
प्रकृति से सानिध्य का पर्व
सर्व साधारण का पर्व
जहाँ नदी या पोखर किनारे पूजा की जाती है
जल में खडे रहते हैं व्रती
चार दिन चलने वाला पर्व
स्वच्छता का पूरा ख्याल
गलती से भी गलती नहीं होनी चाहिए
प्रसाद में भी गन्ना , गुड से बने पदार्थ, नारियल, और फल जिससे जो भी जुड़े
छठी मैया की पूजा की जाती है
वरदान मांगा जाता है
अपने परिवार की मंगल कामना की जाती है
सूर्य , जल का महत्व
यह गाँव से जुड़ा त्योहार अब विदेश में भी परिचय का मोहताज नहीं
अपनी संस्कृति से जोड़ने का पर्व
फसलों के महत्त्व का पर्व
व्यक्ति से व्यक्ति को जोड़ने का पर्व
क्या अमीर क्या गरीब सबको एक कतार में ला रखने का पर्व
नहीं बडे मंदिर में न कहीं और
तालाब और नदी के किनारे
छठ मैया की कृपा सब पर बरसे
भगवान भास्कर सब को अपना आशीर्वाद दे
सूर्य के बिना तो जीवन ही नहीं
उन्हीं भगवान भास्कर की पूजा का पर्व
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