क्या अच्छी अंग्रेजी बोलता हूँ
सब फिदा
कहते हैं पूछते हैं
कहाँ से सीखे
एकदम विदेशी लहजा
शायद असलियत यह नहीं
मन तो आज भी हिंदी का कायल
अपनी बोली औ भाषा का
उसमें कोई बनावटीपन नहीं
मन से निकलता है भाई
अंतरात्मा की आवाज होती है
I can talk English
I can walk English
पर रोता हूँ
हंसता हूँ
भावविभोर होता हूँ
वह तो मेरी हिंदी भाषा
मेरी बोली भोजपुरी
कितना आनंद
तोडने और मोडने में भी मजा
बाबु से बबुआ
बबुआ की मिठास अभी भी कायम
लैन्टर्न से ललटेनवा
ललटेनवा की बात ही निराली
डाॅक्टर से डक्टरवा
ब्रदर से भईया
चाचा ताऊ
चाची ताई
बाबा दादा नाना
आजा आजी नानी
भाभी भौजी , मौसी
साढू- साला
न जाने कितने रिश्ते
अंग्रेजी में तो
बस अंकल ' आंटी
मदर इन ला
फादर इन ला
और न जाने कितने इन लाॅज
यहाँ तो हर रिश्ते की अपनी चमक
अपनी खनक
अपनी महक
गजब का अपनापा
वह भी शब्दों में
तब जहाँ शब्द इतने लाजवाब
उस भाषा पर
हम क्यों न हो फिदा
जीना और मरना
भी तो अपनी ही भाषा में
यह है मेरा गुमान
No comments:
Post a Comment