Thursday, 24 November 2022

वो लम्हा

मौसम सदा एक सा नहीं रहता 
बदलता रहता  है
त्रृतु परिवर्तन तो प्रकृति का धर्म है
इंसान भी यही करता है
वह भी बदलता है
समय अनुसार 
परिस्थितियों के कारण 
बदलाव तो अवश्य भावी है
हमेशा दिन एक सा नहीं रहता
इसमें कुछ नया नहीं है
जो समय और साथ जीया है
वह याद कर लो
कुछ बातों से 
कुछ घटनाओं से
अपने आप ही मुस्कान आ जाएंगी 
शिकायत नहीं 
वह पहले जैसा नहीं रहा
वैसी बात नहीं रही
कोई बात नहीं 
वह लम्हा तो साथ है

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