वह माँ है
ऐसी माँ जो अपने हर बच्चे को आंचल में ले लेती है
दुलराती है
उसकी अटपटे बोल पर मुस्कराती है
कैसे भी बोले
कुछ भी मिला कर बोले
अनपढ़ बोले
अपराधी बोले
पढे लिखे बोले
कवि और साहित्यकार बोले
नेता और अभिनेता बोले
भिन्न-भिन्न भाषाभाषी बोले
देशी विदेशी बोले
उसे कोई फर्क नहीं पड़ता
सब उसके अपने जो है
वह सबकी है
सब उसका सहारा ले सकते हैं
संवाद कायम कर सकते है
रोजी रोटी का साधन
दिलों को आपस में मिलाने का साधन
एक दूसरे को समझने का माध्यम
इतनी बड़ी शक्ति
इसी माॅ के पास है
यह हमारा मान और सम्मान है
शानदार और जानदार
भारत की शान
हमारी जान
सबसे प्यार करने वाली
हमारी हिन्दी है
विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामना
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