Friday, 30 June 2023

बरसात का आनंद

बारिश आई है
जी भर भीग लीजिए 
भागिए मत 
छाता न हो रेनकोट न हो
कोई बात नहीं 
गल नहीं जाएंगे
हमेशा तो बाल्टी में पानी भर स्नान करते हैं 
शावर की फुहार लेते हैं 
प्रकृति की फुहारे ले 
जितना चाहे उतना 
जी भर कर 
यह नल का पानी नहीं 
प्रकृति स्नेह बरसा रही है
बच्चे बन जाएं 
छपाक छपाक 
देखने वाले देखते रहें 
क्या फर्क पडता है
जिसका इंतजार इतनी शिद्दत से किया 
उसी के आने पर घबराना 
अरे छोडो यह घबराहट 
भीग लो 
चार महीने ही तो साल के हैं 
कुछ क्षण तो गुजारो 
बरसात के आनंद में 

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