लंकापति रावण का दहन हुआ
बहुत कुछ बातें सीखी
पहली तो कभी भी किसी को अपना राज नहीं बताना
चाहे वह कोई भी कितना ही नजदीकी क्यों न हो
रावण को मारने के प्रयास असफल हो रहे थे
राम भक्त विभिषण को यह नहीं देखा गया
भाई की मृत्यु का वह राज जो मंदोदरी को भी नहीं पता वह उनको पता थी
लंकेश ने उन्हें बताया था
दूसरी बात कि
रावण से तो सावधान रहा जा सकता है
विभिषण से नहीं
दूसरा कितना भी ज्ञानी क्यों न हो अगर वह व्यभिचारी हो जाएं तो उसका पतन निश्चित है
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