उसका परिणाम घातक ही होता है
एक का जीतना एक का हारना
यह तो तय होता है
सब अपनी अपनी शक्ति आजमाने में लगे रहते हैं
जब तक कि बहुत कुछ खत्म न हो जाएं
युद्ध की विनिषका बहुत घातक है
यह न जाने क्या-क्या नष्ट-भ्रष्ट कर डालती है
मानवता तो आहत होती ही है
भीषण नरसंहार भी होता है
हर विनाशकारी अस्त्र और शस्त्र का प्रयोग किया जाता है
सभ्यता और संस्कृति का नाश होता है
एक पीढी नहीं कई पीढ़ियों को यह भुगतना पडता है
वह चाहे कोई भी युद्ध हो
प्रथम- द्वितीय, हिरोशिमा पर बम
इराक - इरान का या रूस - यूक्रेन का
अमेरिका का अन्य देश या भारत- पाकिस्तान या और कोई
जब नाश हो जाता है तब समझौता किया जाता है
शांति की कोशिश की जाती है
मानव जीव को खिलौना समझ लिया जाता है
जब - तब लडो और खत्म करों तथा खत्म हो जाओ
एक - एक पैसा जोड़ने वाला मनुष्य का घर
ध्वस्त हो जाता है
यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं
यह दो लोगों का अहम् होता है
लडेंगे - मिटेगे पर हार नहीं मानेंगे
इनको तो झुका कर ही रहेंगे
इन दो वाक्यों के बीच
तमाम जिंदगियां झूलती रहती है
न जाने कितनों के जान
कितने अनाथ
कितने बेघरबार
हो जाते हैं
उसके बाद इतिहास के पन्नों पर सब दर्ज हो जाता है
उनके दर्द का क्या
जिसने युद्ध की विभिषिका को झेला है
अपनों को खोया है
वह वापस मिलेगा ??
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