Wednesday 25 October 2023

नव रात्र का संदेश

नव दुर्गा की उपासना
शक्ति की पूजा
यह है हमारी समृद्ध भारतीय संस्कृति
जहाँ नारी को नर से ऊपर का दर्जा दिया गया है
वह चाहे संपत्ति की देवी लक्ष्मी हो
विद्या की देवी सरस्वती हो
आसुरी शक्तियों का नाश करने वाली काली हो
भगवान भोलेनाथ की अर्धांगनी माता पार्वती हो
कहीं भी दोयम दर्जा नहीं है
फिर हमारे समाज की ऐसी सोच कैसे हो गई
औरत को हीन कैसे समझा जाने लगा
शास्त्रों में तो कहीं ऐसा उल्लेख नहीं है
एक से एक विदुषी नारियां हुई है
जानकी , द्रोपदी से लेकर लक्ष्मी बाई तक
ये विद्रोहणी नारियां भी हुई है
जिन्होने लीक से हटकर कदम उठाया

शायद पुरूषवादी मानसिकता को यह स्वीकार नहीं हुआ
तभी उसने दबाना शुरू किया
उसके अस्तित्व को नकारने लगा
जो कुछ है वह है
वह जैसे चाहेंगा वह होगा
धीरे-धीरे प्रक्रिया बढने लगी
और वह जो चाहता था वैसा होने लगा
औरत पैर की जूती बना दी गई 

आज फिर परिवर्तन हो रहा है
वह अधिकांश को पच नहीं रहा है
उनके अहम को ठेस लग रही है
वह दबाने की भरपूर कोशिश कर रहा है
सफल नहीं हो पा रहा है
तब अनर्गल तरीके अपना रहा है
सडी हुई मानसिकता से उबर नहीं पा रहा है
इसलिए समाज का संतुलन बिगड़ रहा है
जब तक वह शक्ति की शक्ति को पहचानेगा नहीं
उसकी अहमियत को स्वीकार नहीं करेंगा
तब उसका परिणाम भी उसे ही भोगना होगा
अंतः शक्ति की शक्ति को पहचाने
यही तो नवरात्र का संदेश है

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