Saturday, 25 November 2023

बंदर बनाम आदमी

पहले मदारी आता था 
बंदर नचाता था हम देखते थे
तमाशा देख पैसा देते थे
अब आदमी नाच रहा है
दिन - रात नाच रहा है
उसके एवज में पैसा मिलता है
उसका और उसके परिवार का पेट भरता है
बस नाच ही रहा है
नाचते ही जा रहा है ।

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