Tuesday, 7 November 2023

बचपना कायम रहता है

व्यक्ति की उम्र ढल जाती है
वह बडा हो जाता है
वह बूढा हो जाता है
सोचता है बचपन चला गया
देखा जाएं तो 
बचपन कभी जाता ही नहीं है
वह तो हमेशा साथ ही रहता है
मन के कोने में कहीं वह बैठा रहता है
बाहर निकलने की कोशिश करता रहता है
जब वह दोस्तों के साथ बतियाता है
जब वह लोगों के साथ हंसता - खिलखिलाता है
जब वह खाने के लिए ललचाता है
जब वह जिद पर आ जाता है
जब वह किसी की बात नहीं सुनता है
जब वह घुमने को बेताब रहता है
जब उसका घर पर आने को मन नहीं करता
जब वह टेलीविजन के सामने आ खडा हो जाता है
वह भेल पुरी  - सेव पुरी चटखारे लेकर खाना चाहता है
घर में कुछ लाए तो उसे भी चाहिए 
मिठाई- पकवान का आनंद लेना चाहता है
उसे जीभ पर कंट्रोल करने को कहा जाता है
उम्र की दुहाई दी जाती है
 जब वह बच्चों के साथ बच्चा बन जाता है
वह यह भूल जाता है 
कि वह बूढ़ा हो गया है
लोग याद दिलाते रहते हैं 
उसको उसकी उम्र का 
वह सब छोड़ने की कोशिश करता है
छोड़ जो नहीं पाता
बचपन में जो आदत डाली गई है
वह कैसे छूट सकती है
वह दबायी जाती है
खत्म नहीं होती 
हर व्यक्ति मन से बच्चा ही होता है 
बचपन भले चला जाए 
बचपना कायम रहता है
सही भी है 
मन तो बच्चा है जी ।

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