Thursday, 18 January 2024

इतने भी कमजोर नहीं

राह चलते कोई भी हमें ठोकर मार दे 
यह समझना बेवकूफी है
नींव के पत्थर हैं हम 
एक पत्थर अगर खिसकी
पूरी इमारत ढह पडेगी
जानते हैं आपकी महत्ता 
आपके जितने तो नहीं 
पर कम हम भी नहीं 
हाथी तो नहीं 
चींटी तो है
विशालकाय को पूरा डांवाडोल करने की ताकत है
नल - नील तो नहीं समुंदर पर पुल बांध दे 
वह गिलहरी तो है जो बालू का अंबार लगा दे
अर्जुन तो नहीं हैं जो रथ को कोसों पीछे कर दे 
कर्ण तो हैं 
जो दो इंच ही सही त्रिलोक के स्वामी वाले अर्जुन के रथ को पीछे कर दे
विशाल समुंदर तो नहीं 
एक कंकड़ तो है जो उसमें हलचल उत्पन्न कर दे 
विशालकाय वृक्ष तो नहीं 
एक गमले में लगी तुलसी तो हैं 
ज्यादा अपेक्षा तो नहीं 
इतना तो जरूर है
जब मिलो तो सम्मान और प्यार से
जो तुम हमसे चाहते हो
वही हम भी तो तुमसे चाहते हैं। 

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