Sunday, 26 May 2024

दूसरी पारी जरा जम के खेल लो

उम्र का क्या 
वह कब रूकी है
आगे बढ़ती ही जानी है
यह तो उसका स्वभाव है
किसी के रोकने पर वह कहाँ रूकी है
हम भी तो कम जिद्दी नहीं 
उसे रोकने की कोशिश करते रहें 
बालों में कालिख लगाकर 
चेहरे पर क्रीम- पावडर पोत कर 
नकली दांत लगाकर 
क्या मिला उससे 
दिखावा आखिर कब तक
भलाई तो इसी में है
उसके साथ - साथ हो लो 
बचपन में बचपना कर लो 
जवानी में मटरगश्ती कर लो 
बुढ़ापे में चांदी जैसे बालों के साथ 
धीरे-धीरे इतराते चलो 
दांत नहीं तो क्या 
हंसना थोड़े ही मना है
जवानी नहीं तो क्या
घूमना थोड़े ही मना है
जो बाल बचे हैं उसे लहराओ 
जो दांत बचे हैं उसे दिखाओ
जो चाल लड़खड़ा रही है काठी से उसे संभालो 
अभी तक तो काम में उलझे थे 
अब अपने में रह लो
कुछ दोस्त बनाओ
कुछ गपशप कर लो 
अब किसकी क्या परवाह
जीना तो अभी शुरू किया है
दूसरी पारी भी जम कर खेल लो
अभी खेल तो खत्म नहीं हुआ है 
जो बाकी है कुछ समय 
उसमें चौके - छक्के लगा लो 
अब तो खेल - खेल कर हो गये पक्के 
तब हार - जीत का क्या खौफ 
जो होगा देखा जाएंगा 

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