Saturday, 14 September 2024

हमारी हिन्दी

हिन्द की हिन्दी
हर दिल की हिन्दी 
हर जाति धर्म की हिन्दी 
जन जन की हिन्दी 
हर हिन्दुस्तानी की हिन्दी 
सबको जोड़कर रखती 
नहीं किसी से भेदभाव करती 
सबको मन से अपनाती 
जिस रुप में ढालो उसी में ढल जाती 
नहीं करती नखरे 
प्यार से सबको अपनाती 
ऐसी है हमारी हिन्दी 
तभी तो सबको लगती प्यारी 

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