Thursday, 16 January 2025

प्यारा है यह जग

यह दुनिया अच्छी लगती है
यह संसार प्यारा लगता है
हम इसे जी भर कर जीना चाहते हैं
डरता है इंसान मरने से 
चाहे लाख बुराई हो तब भी
आपदा कितनी भी हो
परिस्थिति कैसी भी हो 
हर बाधा को पार करता है
हर अभाव को सह जाता है
अगर उसे किसी से प्यार हो
जी जान लगा देता है
उसके न  होने से किसी को फर्क पड़ता है 
यह वह जानता है 
अपने लिए नहीं अपनो के लिए जीना चाहता है
यही तो माया है 
जिसमें फंसा जग सारा है 
नहीं चाहिए स्वर्ग का सुख 
पृथ्वी पर चाहिए अपनों का साथ 
महादेवी वर्मा जी की 
रहने दो हे देव मेरा मिटने का अधिकार 

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