किसको सुनाए अपने दिल का हाल
हर हाल में जीना भी है
मुस्कराना भी है
शक्कर हर घर में भले न हो
नमक तो हर घर में
छिड़कने वाले तैयार
कब घाव लगे कब डाले
ऊपर से जिंदगी के तमाशे अलग
कभी फ्लॉप तो कभी हिट
कभी शून्य पर आऊट तो कभी छक्का
इस पर कोई विश्वास नहीं
कब चढ़ाएं कब गिराएं
अब समझ आ गई है इसकी आदत
बड़ा संभल कर चलना है
फूंक-फूंक कर कदम उठाना है
वैसे पता तो यह भी है
हमारे हाथ में कुछ नहीं
ऊपर वाला मदारी जो बैठा है
जैसे नचाएं वैसे नाचो
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