Wednesday, 15 January 2025

ऊपर वाला मदारी

किसको दिखाए दिल अपना
किसको सुनाए अपने दिल का हाल 
हर हाल में जीना भी है
मुस्कराना भी है
शक्कर हर घर में भले न हो
नमक तो हर घर में 
छिड़कने वाले तैयार 
कब घाव लगे कब डाले
ऊपर से जिंदगी के तमाशे अलग
कभी फ्लॉप तो कभी हिट
कभी शून्य पर आऊट तो कभी छक्का 
इस पर कोई विश्वास नहीं
कब चढ़ाएं कब गिराएं 
अब समझ आ गई है इसकी आदत
बड़ा संभल कर चलना है
 फूंक-फूंक कर कदम उठाना है
वैसे पता तो यह भी है
हमारे हाथ में कुछ नहीं 
ऊपर वाला मदारी जो बैठा है
जैसे नचाएं वैसे नाचो 

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