मैं तो एक सामान्य सी नारी हूँ
जिसके सीने में एक मासूम दिल धड़कता है
वह बहुत कोमल है जो जरा सी चोट से टूट जाता है
मैं तलवार नहीं उठा सकती न युद्ध में भाग ले सकती हूँ
मैं तो अपने अंदर को द्वंद्व से हर रोज लड़ती हूँ
मुझे राजनीति से कुछ लेना - देना नहीं
मैं तो अपने आप को उससे दूर रखना चाहती हूं
मुझे नहीं चाहिए सारा संसार
मुझे तो चाहिए बस एक प्यारा सा परिवार
मुझे दुनिया से क्या
मेरी दुनिया तो मेरा घर है
मुझे नाम और प्रसिद्धी की गरज नहीं
मैं तो किसी की बेटी ,बहन ,पत्नी और माॅ बनकर ही खुश हूँ
मेरे बच्चें हैं और बच्चों के बच्चें
जिनकी होठों की हंसी मुझे सबसे प्यारी है
मुझे स्वर्ग का सुख नहीं भाता
मैं तो अपने जीवन साथी के साथ खुश रहना चाहती हूँ
मुझे रिश्तें बनाने में कोई इंटरेस्ट नहीं
जो ऊपर वाले ने बनाकर भेजा है
वही कायम रहे
मुझे भीड़ का साथ नहीं चाहिए
अपनों का साथ ही काफी है
मुझे तड़क-भड़क और दिखावा पसंद नहीं
मैं तो सीधा - सादा रहना जानती हूँ
मुझे किसी से कोई प्रतियोगिता और तुलना नहीं
न किसी से ईर्ष्या और जलन
जो पास है उसमें ही संतुष्ट हूँ
मुझे भ्रमण का कोई शौक नहीं
अपने परिजनों के बीच भ्रमण हो बस
मुझे कोई बड़ा विस्तार नहीं चाहिए
बस अपने हद में रहूं
प्रेम से दो बोल बोलूं
पेट भर भोजन रहने को छत
अपनों का आसपास
जब यह हो सब पास
नहीं है तब कोई और आस
मैं रानी नहीं न महारानी
मैं तो एक सामान्य सी नारी हूँ
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