Saturday, 18 October 2025

मृत्यु

मृत्यु जीवन का सत्य
इसको नकारा नहीं जा सकता 
एक समय आता है 
मृत्यु की कामना की जाती है 
और वह आती नहीं 
प्रार्थना की जाती है 
अमर होना कोई नहीं चाहता 
प्रकृति के विरोध में जाकर कोई मतलब नहीं 
इतिहास भरा पड़ा है 
ऐसे उदाहरण से 
भीष्म को भी इच्छा से मृत्यु स्वीकार करना पड़ा 
सबसे बड़ी विडंबना यह है 
यह कभी भी आती है 
असमय समय आकर जीवन उद्धवस्त कर डालती है 
जिस घर से जवान जाता है 
उस घर की सारी खुशियां चली जाती है 
जाने वाला ताउम्र दुख दे जाता है 
उस घाव को भरने में सालों लग जाते हैं 
कभी-कभार तो जीवन के साथ ही 
यह बड़ी कठोर होती है 

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