मेरा चांद सलामत है
पृथ्वी ही स्वर्ग समान है
मैं क्यों देखूं उसको
नैन तो जमीन के चांद को तकते हैं हरदम
सृष्टि के कण- कण की आभारी हूँ
अपना आशीर्वाद बनाए रखें
करवा चौथ का व्रत तो एक बहाना है
उस निमित्त उसके पास आना है
प्यार का इजहार करना है
उसके प्यार को भी परखना है
वह है तो जिंदगी है खुशहाल
उसके बिना तो लगेगा चांद भी बेजार
जब तक चंदा रहें
तब तक मेरा सुहाग अमर रहें
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