मोदी सरकार का बजट आ चूका है , अच्छे दिनों की शुरुआत भी हो गयी है , मध्यम वर्ग को बजट में राहत दे कर सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। मंहगाई से उच्च वर्ग को तो कोई फर्क नहीं पड़ता , गरीब वर्ग को बहुत सारी सरकारी सुविधाये प्राप्त है , लेकिन मध्यम वर्ग उसकी मुश्किलें इन् लोगो से बिलकुल अलग है।
वह सामजिक प्रतिष्ठा कायम रखने के साथ-साथ नयी पीढ़ी को अच्छी शिक्षा देने के लिए अपना रात-दिन एक कर देता है। समाज की नैतिकता की ज़िम्मेदारी भी इसी वर्ग की है। स्कालरशिप चाहिए तो गरीब वर्ग के लिए बहुत सारी संस्थाए है लेकिन माध्यम वर्ग के बच्चे के लिए कुछ नहीं क्यों की उसका पिता वेतन भोगी है और उसका वेतन गरीबी रेखा से नीचे नहीं है। स्वास्थ्य खर्चे के लिए उसके पास कोई योजना नहीं है।
इनकम टैक्स , वैट , सर्विस टैक्स , एजुकेशन सेस भरता है , महंगे होम और कार लोन की किश्ते चूका ता है।
राशन , फल - सब्जी , पेट्रोल , गैस , खरीदने के बाद उसके पास कुछ भी बचता नहीं है। फिर भी वह जोड़-तोड़ कर ज़िन्दगी को पटरी पर लाने की कोशिश करता रहा है। इनकम टैक्स और होम लोन में छूट से मध्यम वर्ग को जरूर कुछ रहत मिलेगी। इसके अलावा नए बजट में आईआईटी , आइआइम , मेडिकल कॉलेज खोलने से मध्यम वर्ग के युवा वर्ग को भी फायदा होगा। अतः मध्यम वर्ग कुछ हद तक "फील गुड" महसूस कर सकता है।
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