वित्त मंत्रीजी हर वक़्त फायदे की बात नहीं सोची जाती। निर्भया कांड़ को छोटी सी बात कहना और उससे पर्यटन विभाग के नुक्सान का लेखा - जोखा करने के अपेक्षा कोशिश करना चाहिए की कानून व्यवस्ता अच्छी रहे। बलात्कार , छेड़ - छाड़ , क़त्ल , लूट - पाट जैसी घटना को देख - सुन कर कौन पर्यटक हमारे देश आना चाहेगा। लोग पर्यटन मौज - मजा के लिए करना चाहते है न की इन अपराधियो का शिकार बनने और अपने जान - माल के हानि के लिए।
किसीको दोष देने से अच्छा है कानून व्यवस्ता को बनाइये।
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