आज फ्रंडशिप डे है। जिंदगी का सबसे खूबसूरत रिश्ता। जिसके लिए खून , सरहद , जेंडर , स्टेटस , मजहब कुछ मायने नहीं रखते। यह मजबूरी का नहीं अपना चुना हुआ रिश्ता है। दोस्त बनाने में अजनबीपन बाधक नहीं। कही भी किसीभी समय दोस्ती हो सकती है और वह ताउम्र चलती रहती है। दोस्ती निभाने के लिए गर्मजोशी , सहानभूति , प्यार , धीरज की आवश्यकता होती है। आज तो फेसबुक का युग है। जहा आप ना जाने कितने दोस्त बना सकते है और अनजान मित्र भी आपको बहुत सारी जानकारी उपलप्ध करा देता है और सहायता कर देता है। अपने सुख दुःख बाट सकते है।
कृष्ण - सुदामा , राम - सुग्रीव , दुर्योधन - करण की दोस्ती इतिहास प्रसिद्ध है। चीरहरण होते समय अपनी सखी द्रोपदी की सहायता करते और कुरुक्षेत्र के रण भूमि में अपने सखा अर्जुन को युद्ध के लिए सज्य करते कृष्ण की भूमिका का तो जवाब ही नहीं। दोस्त जिंदगी को सवारने और बिगाड़ने दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। अच्छा और सच्चा दोस्त हमारी जिंदगी को आसान और खुशमय बना देता है। बिना दोस्त के जिंदगी नीरस हो जाती है अतः जीवन में दोस्त होना बहुत जरूरी है।
" कब मिले , कब बिछड़े , यह तो याद नहीं , जिंदगी के हर पड़ाव पर दोस्त मिलते गए ,
जिंदगी का साथ निभाते गए , उन सभी दोस्तों और साथियो को "हैपी फ्रेंडशिप डे " . "
No comments:
Post a Comment