Monday, 13 October 2014

शांति और अहिंसा का पथ ही सबसे अच्छा पथ है।

कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसूफ जई, दोनों को शान्ति का सयुंक्त नोबल पुरस्कार,
हिन्दू और मुस्लिम, भारतीय और पाकिस्तानी,
एक प्रौढ़ तो दूसरी बच्ची, दोनों का कार्य बालश्रम और शिक्षा से जुड़ा हुआ है,
बचपन बचाओ आंदोलन के करता - धर्ता,
आज भारत - पाकिस्तान सीमा पर जो जंग छिड़ी है, उन्हें सबक सीखना चाहिए।

जान लेने से जान बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है,
जीवन में शान्ति, अहिंसा, शिक्षा आतंकवाद से बड़ा है,
बच्चो को उनके बचपन, शिक्षा और खेलने का अधिकार मिलना ही चाहिए,
भारत और पाकिस्तान दोनों को बधाई।



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