हरयाणा के हिसार में मीडिया कर्मियों पर प्रहार,
क्यों पत्रकारों ने क्या गुन्हा किया था ?
प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ को इस तरह से पीटना और हाथापाई करना,
क्या पुलिस को शोभा देता है ?
जो हो रहा है वह दिखाना उनका कर्त्तव्य है,
और उनकी पेशे की मांग भी या यह कहिये की मजबूरी भी,
आये दिन कही न कही पत्रकारों पर हमले हो रहे है,
अपनी जान जोखिम में डाल देना,
रिपोर्टिंग करना और सत्य दिखाना उनपर इस तरह से प्रहार नहीं होना चाहिए।
वे क्यों दिखाए इससे पहले अपने आप को क्यों नहीं सुधरा जाता?
अपने गिरेबान में झाके सब, हर कोई इसके लिए जिम्मेदार है।
सरकार, पुलिस और वह जनता जो इन तथा कथित लोगो का साथ देती है।
पत्रकारों की हत्या हो रही है
क्यों पत्रकारों ने क्या गुन्हा किया था ?
प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ को इस तरह से पीटना और हाथापाई करना,
क्या पुलिस को शोभा देता है ?
जो हो रहा है वह दिखाना उनका कर्त्तव्य है,
और उनकी पेशे की मांग भी या यह कहिये की मजबूरी भी,
आये दिन कही न कही पत्रकारों पर हमले हो रहे है,
अपनी जान जोखिम में डाल देना,
रिपोर्टिंग करना और सत्य दिखाना उनपर इस तरह से प्रहार नहीं होना चाहिए।
वे क्यों दिखाए इससे पहले अपने आप को क्यों नहीं सुधरा जाता?
अपने गिरेबान में झाके सब, हर कोई इसके लिए जिम्मेदार है।
सरकार, पुलिस और वह जनता जो इन तथा कथित लोगो का साथ देती है।
पत्रकारों की हत्या हो रही है
पिछले दिनों दो पत्रकारों की हत्या हुई है
वहॉ की राज्य सरकार क्या कर रही है
जब कुछ होता है तो उनके साथ मारपीट की जाती है
इसे रोकना होगा
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