२६/११ के मास्टर मंद लखवी को जमानत मिलने पर आश्चर्य हो रहा है। भारत ने सारे सबूत पेश किये, उसके बावजूद। बच्चो के मौत के तांडव के दूसरे दिन बाद । य़ह एक अच्छी बात हुई है की सरहद पार भी पाकिस्तान के नागरिको ने मुहीम चला राखी है।
सभी लोग लखवी के विरोध में है। दर्द और दहशत में सभी को साथ - साथ आना ही चाहिए, और वह हो भी रहा है। इस समय इंसानियत और प्यार फैलाने का वक्त है। सभी दुश्मनी भूल उन मासूम बच्चो की मौत और उनके माता - पिता के दर्द और दुःख याद करो और लखवी को किसी भी प्रकार की सहूलियत देना इंसानियत के खिलाफ है।
पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाया गया कदम की जमानत मिलने पर भी रिहाई नहीं होगी, सही है।
धर्म और जाती से ऊपर उठकर विकास की बात सोचे।
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