भारत माता के दो अनमोल रतन,
एक महामना मदन मोहन मालवीया तो दूसरा कवि अटल बिहारी वाजपेयी,
एक बड़े शिक्षाविद तो दूसरे एक कुशल राजनीतिज्ञ,
एक बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के संस्थापक तो दूसरे राजनीती के दलदल में भी कमल खिलने में कामियाब,
दोनों का अपने अपने क्षेत्र में योगदान चरम सीमा पर,
दोनों ही जनम से पंडित ,दोनों के जन्मदिन की तारीख भी एक,
भारत रत्न भी एक ही साथ,
एक कोंग्रेसी तो दूसरा भाजपाई ,शिक्षा और राजनीती में दोनों का योगदान सराहनीय है ।
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