कुछ का काम ही होता है बढ़ा-चढाकर बताना,
एक मामूली सी बात अनेक कानों तक पहुँचते - पहुँचते न मालुम क्या बात बन जाएगी,
चाहे वह कोई भी घटना हो,
कुछ लोग मजे और आनन्द के लिए यह सब करते है,
दूसरे की पंचायत करने में अच्छा लगता है।
लेकिन यह किसी की जिंदगी को लोगों के देखने के नजरियों को बदल देता है।
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