कला - प्रशिक्षण आज के युग की एक बड़ी आवश्यकता है, इससे बेकारी की समस्या से बहुत हद तक निजात पाया जा सकता है। भारत उधोग - धंधो के क्षेत्र में अभी भी विकसित नहीं है। इससे जरूरत है यात्रिंको की
वैज्ञानिको की और कुशल कला प्रशिक्षतों की मेक इन इंडिया तो ठीक है लेकिन मेड इन इंडिया भी होना चाहिए।
हमारे प्रोडक्ट विश्व के हर कोने में बिकना चाहिए। इसके लिए शिक्षा पद्धति में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। भले ही वह कातना, बुनना, चित्रकला, खेती जैसा ही उधोग क्यों न हो।
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