रेखा चित्रों के माध्यम से आम आदमी को दर्शाना, आर.के लक्ष्मण की यह खूबी रही है।
कई दशको तक उनके कार्टून लोगो को हँसाते रहे, झकझोरते रहे, व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते रहे।
लेकिन उनकी रेखाओं की भी अपनी सीमा थी।
वे कभी विवादों के घेरे में नहीं आए बल्कि उनके कार्टून का लोगो को इंतज़ार रहता था।
इंदिरा से लेकर लाल कृष्ण अडवाणी तक सभी उनके रेखा पात्र रहे है।
आधे दशक से ज्यादा लोगो के दिलो पर राज करने वाले और उनकी समस्याओं को सामान्य आदमी के माध्यम से दर्शाना ऐसे रेखा चित्रकार का निधन एक अपूरणीय हानि है।
रेखा चित्र का चितेरा अब नहीं रहा, अब शायद हम कभी लक्ष्मण रेखा नहीं देख पायेंगे।
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