फ्रांस के पेरिस में इस्लाम और पैगम्बर मोहम्मद साहब के नाम पर जो हुआ वह सर्वथा निंदनीय है अभिव्यक्ति की स्वंतंत्रता पर यह कुठारा घात है ।
लोगों की आवाज़ को दबाने के लिए इस तरह कत्ले आम करना किसी को भी शोभा नहीं देता । पत्रकारों और कार्टूनिस्ट का कर्त्तव्य है समाज को आईना दिखाने का ।
पूरा विश्व त्राहि त्राहि कर रहा है ,पैगम्बर साहब और इस्लाम के नाम पर जो जिहाद चल रहा है उससे उस धर्म के लोग शक की निगाह से देखे जाने लगे है । मुस्लिम भाइयों को भी शर्म आ रही है।
मासूम ,निरपराध लोगों की हत्या यह तो किसी भी धर्म का उद्देश्य नहीं हो सकता ।
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