Saturday, 7 February 2015

अपनी सोच का दायरा बढ़ाए


जनार्दन द्विवेदी, शशि थरूर, जीतनराम मांझी, कुछेक नेताओं ने मोदी की तारीफ़ क्या कर दी, उनको अब अपनी बात का ही खंडन करने के लिए इधर - उधर बहाने ढूंढने पड़ने लगे। अरविंद केजरीवाल को गणतंत्र दिवस पर न्योता नहीं देना, विपक्षी पार्टी के लोगों की हमेशा बुराई ही करो, यह किस सोच का परिणाम है।

थोड़ा मन को भी बड़ा करने की जरूरत है। आज भी इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, राजीव गांधी, प्रमोद महाजन, विलासराव देशमुख, बालासाहेब ठाकरे अपनी कुछ विशेषताओं के कारण सभी की पसंद है। 

अतः मोदी की तारीफ कर ही दी तो बवाल क्यों। सरकार और पार्टियों को मनुष्यगत कमजोरियों से ऊपर उठना चाहिए।

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