कोई १०० का हिसाब दे रहा है,कोई एक साल का हिसाब दे रहा है
इस हिसाब से जनता का हिसाब गड़बड़ा रहा है
इनपर जो खर्चे आएंगे वह कोई नेता या मंत्री अपनी जेब से तो देंगे नहीं
हिसाब देने की होड़ मची हुई है
लगता है जनता अंधी,बेहरी,या नासमझ है की उसको कुछ दिखाई या सुनाई नहीं देता
हिसाब देने को पुरे ५ साल है,बोल-बोल कर बताने की अपेक्षा कार्य करे
परिणाम जनता के सामने आजायेगा।
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