एक साल पूरे होते ही एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही है
सुषमा वसुंधरा पंकजा और आगे क्या-क्या
व्यापम घोटाले में आत्महत्याएं रूकने का नाम ही नहीं ले रही है
भारतीय राजनीति मे भ्रष्टाचार आम बात हो गई है
आम आदमी पार्टी का हाल भी वैसे ही
कोई भी दूध का धुला नहीं है
केवल एक मनमोहन और मोदी जी क्या करेंगे
सत्ता बदल गई पर लोग तो वहीं हैं ,शेर के मुंह में
खून लगा है ,शिकार चाहिए ही
ऊपर से नीचे तक सब इसी में लिप्त हैं
राजनीति काजल की कोठरी है जो जाएगा वह काला होकर ही आएगा
परिवर्तन ऊपर से नीचे की ओर होना चाहिए
लोहिया जी के अनुसार।
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