भारत में हम स्वंतंत्र है हमे खाने पहनने की आजादी होनी चाहिए.
यहॉ इतने सारे धर्म है हर किसी के अपने अपने नियम है पर धर्म के नाम पर खाने की आजादी पर पाबंदी लगाना ठीक नही है
जब तक किसी को हम तकलीफ न दे
शाकाहारी कहने वाले मॉसाहारियो के बीच बराबर घर लेते है पर उनकी सोसायटी मे कोई दूसरा घर नही ले सकता
यहॉ तक बच्चो को भी साथ खेलने पर पॉबदी लगाते हैं
अगर ऐसा रहा तो हर दूसरा अपनी मॉग रखेगा
यह बहुत बडी राजनीति है लोगो को बॉटने का काम किया जा रहा है
इसके दूरगामी परिणाम होगे
ऐसा नही हो कि बाद मे पछताना पडे
किस किस को संतुष्ट किया जाएगा
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Thursday, 10 September 2015
मॉसाहार पर पाबंदी कही यह राजनीति तो नही
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