Monday, 14 September 2015

बिहार का चुनाव बहार ही बहार

बिहार का चुनाव  बहार ही बहार है
नेताओ के भाषण ,बडे बडे वादे ,सहायता कीघोषणा
मोदी जी से लेकर राहुल गॉधी का दौरा
लालू ,नितीश ,सोनिया से लेकर जीतनराम मॉझी और पासवान सब अपनी ताकत आजमा रहे है
शब्दो से ,वादो से ,पैसों से
अब तो शिवसेना और ओवैसी भी उतरने वाले है मैदान में   पप्पु यादव तो पहले से ही जमे है
केजरीवाल भी जा आए है नितीश के बुलावे पर
शत्रुघन सिन्हा अपने अलग तेवर दिखला रहे है
बिहार चुनावी अखाडा बन गया है
गॉधी के चंपारण से जे पी की सम्पूर्ण क्रांति की भूमी है बिहार
गौतम और महावीर की स्थली है बिहार
बिहारियों की डी एन ए क्या कमाल दिखाता है
यह तो भविष्य ही बताएगा
पतझड किस पर आएगा
कौन जीतेगा कौन हारेगा
कौन किसके सहारे चलेगा
कौन किसको पटखनी देगा
कौन दोस्त कौन दुश्मन
यह तो राजनीति है भाई. यहॉ कुछ भी हो सकता है.
हमें तो तमाशायी बन तमाशा देखना है
चुनाव बिहार की जनता को करना है पर याद रहे सूझ बूझ और समझदारी से
किसी के बहकावे ,वादे और भुलावे में नही आना है
विकास को वोट देना है
बीमारू नही बेहतर प्रदेश बनाना है
बिहार का चुनाव ही भारतीय राजनीति की दशा और दिशा तय करेगा
भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है यह आनेवाला वक्त ही बताएगा  पर अभी तो बहार ही बहार है

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