कभी यह गाना सुना था दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ
पुरानी फिल्मों में गॉव की गोरी अपने पति के लिए प्याज रोटी लेकर खेत में जाती थी और पति बडे प्रेम से खाता था
पर आज हालात बदल गये हैं आज तो इनका नाम लेते ही बढती हुई मंहगाई ठेंगा दिखाने लगती है
एक मुहावरा घर की मुर्गी दाल बराबर आज आखिरी सॉसे ले रही है
आज मुर्गी सस्ती और दाल मँहगी बिक रही है
मुर्गी १२० से १४० तो दाल १५० से२०० किलो तक बिक रही है
लोग क्या खाएगे
सामान्य आदमी को पेट भर दाल रोटी भी मयस्सर नहीं
फल ,दूध और मेवे की तो बात दूर रही
सब्जियों के भाव चरम सीमा पर
मंहगाई वास्तव में डायन बन कर लोगोा का खून चुस रही है
कब जाकर यह मंहगाई थमेगी?
कम से गरीबों की थाली से दाल और प्याज और रोटी नहीं छिनना चाहिए
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Sunday, 11 October 2015
दाल रोटी ,प्याज रोटी ---किसका भोजन???
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