Friday, 9 October 2015

घर की बात घर में रहे अंर्तराषट्रीय जगत को न्योता देने की जरूरत नहीं

एक धर्म के व्यक्ति की घर में घुसकर हत्या कर दी जाती है कि उसके घर में गोमॉस होने की खबर मिली और भीड ने फैसला सुना दिया
एक नेता इसकी शिकायत लिखित रूप से UNOमें करने जारहे हैं
इसी घटना के कुछ दिन बाद की घटना कि गाय के कुएँ में गिर जाने पर एक मुस्लिम युवक ने अपनी जान की परवाह किए बिना कुएँ में उतरकर और गौ माता के सींगो का वार सहते हुए उन्हें बाहर निकाला
यह दोनो घटना इसी देश की है
सदियो से लोग प्रेम और भाईचारे से रहते आए हैं
विडंबना भी देखिए अखलाक ने उग्र भीड को देखकर मदद के लिए अपने हिन्दू दोस्त सिसोदिया को ही अंतिम फोन किया था
वे पुलिस को लेकर पहुँचे ही थे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी हॉ उनका बेटा अवश्य बच गया
वह अस्पताल में तो है पर ईश्वर की कृपा से बच जाए
ऐसी घटना शर्मनाक है और होनी नहीं चाहिए
भविष्य में दोहरायी न जाय
पर अपने देश की समस्या को बाहर ले जाना उचित नहीं है
भारत ने ऐसा बहुत कुछ देखा है और सबक भी सीखा
अब्दुल हमीद और भगत सिंह की यह भुमि है
खत्म करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए न कि भडकाने की दिशा में
अगर सीखना है तो माननीय बाला साहब ठाकरे से सीखना चाहिए कि १९८४ के दंगो में उन्होंने सिख समुदाय पर ऑच नहीं आने दी थी
जब दुसरे प्रांत दंगो की चपेट में थे तो भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई शॉत थी
सभी नेताओ को आगे आकर शॉति की दिशा में पहल करनी चाहिए
अंतरराष्ट्रीय जगत को न्योता देने की जरूरत नहीं

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