पितृपक्ष और श्राद्ध, पितरो को याद करने का समय,
यह संस्कृति कितनी महान की जिसने हमे जीवन दिया,
कम से कम वर्ष के कुछ दिन तो उन्हें याद कर ले,
इस जिंदगी में ही नहीं, जिंदगी के बाद भी उन्हें भूले नहीं।
लोग तो इसी जन्म में भूल जाते है।
हम अपने जन्म दाताओ को और उनके त्याग का महत्व समझे।
अपनी भावी पीढ़ी को भी समझाए।
यही तो भारतीय संस्कृति की महानता है
सुना है जब शाहजहां कारागार मे बंद थे तब औरंगजेब को उन्होंने कहा था हिंदू को देखो जो मरने के बाद भी मां और बाप को पानी देते हैं और श्राद्ध करते हैं और तुमने तो मुझे जीते जी कैद मे डाल दिया
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