Thursday, 8 October 2015

बाप रे ं इतनी भीड ं कब तक चलेगा यह सिलसिला

, गणेश दर्शन के दौरान कतार में खडी महिला अचानक गिर पडी और अस्पताल ले जाते जाते हैं मृत्यु हो गई
भीड में से बाहर निकलना फिर ट्रेफिक जाम के कारण
उचित समय पर चिकित्सा न मिल पाना
दूसरी घटना हाल ही में जेल मे बंद नामी गिरामी मुजरिम के स्वास्थय खराब होने और पुलिस की कडी सुरक्षा  के कारण एक दूसरे व्यक्ति को एक गेट से दूसरे  गेट के चक्कर लगाते लगाते मृत्यु हो जाना
यह दोनो घटना मुंबई की है
लोगों की भीड बढती जा रही है
और ऐसे मौको पर तो और भी
उत्सव और त्योहार को कमर्शियल रूप दे देना
दही हंडी के उत्सव पर न जाने कितने लोगो को अपनी जान गंवानी पडती है
इस बार थोडी पाबंदी लगने के कारण कम दुर्घटनाएँ हुई.
कभी मंदिर तो कभी प्रवचन तो कभी नेता अभिनेता के कारण
जहॉ देखो वहॉ भीड
माउंट मेरी का जत्रा हो या लालबाग के राजा
न ईश्वर के दर्शन सही तरीके से होते हैं न पूजा पाठ
तिलक जी ने सार्वजनिक गणेशोत्सव शुरू किया था
एक उद्देश्य एकता के लिए
आज आंकडे बताते हैं कि त्योहारो के दौरान हर प्रकार के प्रदूषण बढ जाते हैं
शोरगुल और जहरीली हवा में आदमी सॉस लेने को मजबूर हैं
सारी रात माता के नाम पर लाउड स्पीकर बजते रहते हैं
न जाने कितने बीमार ,वृद्ध और बच्चे  इसका शिकार होते हैं वह भी धर्म के नाम पर
पर एक बात अच्छी हुई है कि लोगों की विचारधारा बदल रही है वे अपने घरों में इको फ्रेन्डली गणपति ला रहे हैं और घर या सोसायटी में ही टब या कृतिम तालाब बना कर विसर्जन कर रहे हैं
सारा पुलिस प्रशासन लगा रहता है
आंतक वादियों और उग्र वादी ताकतों को भी मौका मिल जाता है
रास्ते पर किसी भी धर्मस्थल को खडा करना
ईश्वर ,अल्ला ,येशु के नाम पर भीड बढाना
ट्रेफिक जाम करना
यह कहॉ की समझदारी है
एक जागरूक नागरिक होने के कारण हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि इन सबसे बचा जाय
ईश्वर की जगह मन में होनी चाहिए
भीड और दिखावे में नहीं

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