Tuesday, 27 October 2015

सरहदों को तोड इंसानियत कायम करती फिल्म बजरंगी भाईजान

भारत की बेटी का अपने घर में स्वागत है
एक फिल्म बजरंगी भाईजान का अगर इतना प्रभाव हो सकता है तो फिर इससे अच्छी बात क्या होगी
इंसानियत अभी कायम है
हॉ गीता ने महतो परिवार को पहचानने से इन्कार कियाआशा है उसका परिवार भी उसे मिल जाय जैसे देश मिल गया है
मोदी जी ने गीता की देखभाल करने वाले इडी फाउंडेशन को  एक करोड देने की घोषणा की है
बधाई के काबिल है क्योंकि बेटी को सही सलामत रखने की एवज में यह कुछ भी नही है यह कर्ज उतारा तो नही जा सकता पर फिर भी हमारा कर्तव्य तो बनता है  ऐसे ही हमारे न जाने कितने लोग पाकिस्तानी जेलों में कैद है उनको भी वतन वापसी में मदद करनी चाहिए
यह लोग न आंतकवादी है न अपराधी
किसी न किसी कारण से निरपराध पाकिस्तानी जेलों में सजा भुगत रहे हैं
एक गूंगी बहरी लडकी जो अपना नाम पता नही बता सकती अगर उसे सही सलामत पहुँचाया जा सकता है तो फिर दूसरों को क्यों नहीं
पन्द्रह साल बाद अपने वतन लौटना और खुश होना
कितना जुडाव होता है अपनी मिट्टी से
लडाई चलती रहेगी लेकिन इंसानियत भी साथ साथ चलेगी तो यह दोनों मुल्कों के लिए अच्छा होगा     आज के ऐसे तंग वातावरण मे इसकी जरूरत है

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