भाजपा की बिहार में हार के साथ ही एक-दूसरे पर अपशब्दों और कुत्ते का संबोधन हमारे नेता कर रहे हैं
वैसे तो यह जानवर वफादार माना जाता है
इसका नाम क्यों बीच में उछाला जा रहा है
कभी शत्रुघ्न सिन्हा के लिए तो कभी और कुछ
दीपावली में लक्षमी ,सरस्वती और दुर्गा की पूजा होती है
लक्षमी प्राप्त करने के पीछे सब लगे हैं
शक्ति यानि पावर वह भी
पर सरस्वती जो नैतिकता का पाठ पढाती है
उसको हम ज्यादा तवज्जो नही दे रहे हैं
पढाई करने के पीछे उद्देश्य हैं पैसा कमाना
बचपन में एक कहानी सुनी थी
देवी जुडवा बहनों के घर आती है बारी-बारी से
एक संपत्ति मॉगती है दूसरी सुमति मॉगती है
उसका परिणाम एक के घर रोज लडाई तो दूसरी अभावों में भी परिवार के साथ खुश
भाजपा को सत्ता तो मिल गई पर वाणी बेकाबू हो गई है जिसका परिणाम देखने को मिल रहा है
कम से कम सत्ता के मद में न आकर विनम्र हो जाय
सरकार उनकी है वे विपक्ष में नही है
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Wednesday, 11 November 2015
कौन सी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है नेताओ द्वारा
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