आखिर आमिर खान को अचानक क्यों लगने लगा है कि भारत में अहिष्णुता यानि intolerance बढ रहा है
क्यों उनके साथ ऐसी कोई घटना या वाकया हुआ जो उनकी पत्नी किरण राव जो स्वंय हिन्दू है उनको देश छोडने जैसा लग रहा है
आज आमिर खान या शाहरूख खान को भारतीय जनता ने सर ऑखो पर बिठाया है
उनकी फिल्में करोडो की कमाई कर रही है
आमिर की पी के जहॉ हिन्दू देवता को लेकर फिल्म बनी
ऐसी फिल्म क्या दूसरी जगह बनाई जा सकती है
हिन्दू देवी -देवताओ का माखौल बनाया जाता है वह और कहीं हो सकता है
प्रसिद्ध चित्रकार हुसैन साहब को भारत छोडने के लिए बाध्य नहीं किया गया था
यह उनकी ईच्छा थी
भारत सरकार हर व्यक्ति को पूरी सुरक्षा मुहैया कराती है
यहॉ धर्म देखकर सम्मान नहीं दिया जाता
अगर ऐसा होता तो अजहरूद्दीन साहब भारतीय क्रिकेट के कैप्टन नहीं होते
फखरूद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति नहीं होते
मुंबई पुलिस के चीफ अहमद जावेद नहीं होते
यह तो वह जगह है जहॉ सौ हिन्दू के बीच एक मुस्लिम सीना तानकर और पूरी आजादी के साथ जीता है जो शायद बहुसंख्यक कहे जानेवाला हिन्दू न जी पाए
सरफरोश और लगान के नायक आमिर से तो यह अपेक्षा ही नहीं की जा सकती
आज विश्व में देखिए क्या हो रहा है और एक नजर भारत पर भी डालिए
अंतर समझ में आ जाएगा
१२५ करोड की जनसंख्या वाला देश है हमारा
कुछ अवांछनीय घटनाए हुई है पर इसका यह मतलब तो नहीं कि उनको सरकार ने बढावा दिया
पुलिस और प्रशासन अपना काम कर रहे हैं
आपको डरने की और देश छोडकर जाने की बात सोचने की जरूरत नहीं है
आप तो जनता के नायक है अगर आप ऐसा कहेंगे तो लोगों पर इसका क्या परिणाम होगा ,यह कभी आपने सोचा है
जबकि इस समय तो एक नागरिक के नाते आपको लोगों को समझाने के लिए आगे आना चाहिए लेकिन आप तो इस तरह का बयान देकर जनता की भावनाओं को भडकाने की कोशिश कर रहे हैं
जो सर्वथा उचित नहीं है इस समय तो आपको सरफरोश के नायक वाली भूमिका अदा करनी है
आखिर देश पर आपका भी उतना ही हक है जितना किसी और का
देश में शॉति और सद्भभावना बनाए रखना आपकी भी जिम्मेदारी है आमिर भाई.
क्यों करण जौहर साहब आपको भी ऐसा क्यों लग रहा है
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