आजकल विजय माल्या खूब चर्चा में है बैंकों का आठ -नव हजार के करीब कर्ज है उन पर और वे देश छोडकर परदेश में रह रहे हैं
आलीशान रहन सहन ,सुरा और सुंदरियोें के साथ ,मंहगी गाडियों का और पार्टी मनाने का शौक
बैंक से वे सेटलमेंट करने की बात कर रहे हैं और चार हजार कर्ज चुकाने को तैयार है
यह क्या अहसान जता रहे हैं
आइ पी एल ,किंग फिशर से जुडे माल्या न जाने कितने लोगों की जिंदगी से खिलवाड किया है
अपने कर्मचारियों को वेतन न देना ,उन्हें भूखमरी की कगार पर ला खडा करना यह कहॉ का न्यायसंगत है
ऐसे व्यक्ति को तो बख्शना नहीं चाहिए
ऐशभरी जिंदगी वह भी दूसरों के पैसे पर
यह वह देश है जहॉ चार हजार कमाने के लिए महीने के तीस दिन वह मेहनत करता है और अपने परिवार का भरण -पोषण करता है
अगर साधारण या आम आदमी कर्ज लेने जाता है तो बैंक के न जाने कितने चक्कर काटने पडते हैं
और माल्या जैसै लोगों को कुछ नहीं
इसमें हर किसी की मिली भगत होगी
बडे- बडे लोग डिफाल्टर घोषित कर दिए जाते हैं
अब तो माल्या सबके आदर्श बन जाएगे
किसी के मन में डर नहीं रहेंगा
मौज - मजा करो और भाग जाओ
यह व्यक्ति हमेशा कुछ सालों से सुर्खियों में रहा है
अब तो हद हो गई है
जल्द से जल्द सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए
और आने वाले समय में भी ऐसे लोगों से सचेत रहने की जरूरत है
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Friday 1 April 2016
विजय माल्या - झूठ और फरेब का मुखौटा
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