जबान और बोल को कैंची की तरह मत चलाइए
जो केवल काटने का काम करती है
लाठी और डंडे से सर फूटता है और हड्डियॉ टूटती है
और शब्दों से संबंध टूटते हैं
हड्डियों का घाव तो भर जाएगा उपचार से
मन का घाव नहीं जो शब्दों के बाण से लगा है
महाभारत का एक कारण सर्वविदित है जो कि पॉचाली ने दुर्योधन को कहा था
अंधे का पुत्र अंधा ही होता है
यह घाव जल्दी नहीं भरता है और मरणपर्यत याद रहता है
आपका एक कटु वाक्य आपके सारे किये - कराए पर पानी फेर देता है.
रहिमन धागा प्रेम का मत तोडो चटकाय
टूटे से फिर न मिले ,मिले तो गॉठ पड जाय
जबान को संभाल कर रखिए
बिना सोचे - समझे और कटु वाक्य दूसरों की भावनाओं का ख्याल किए बिना कुछ मत बोलिए
जीभ को संभाल कर इस्तेमाल कीजिए
वह तो ऐसे ही दॉतों के बीच रहती है
उसको ज्यादा छूट मत दीजिए
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Saturday, 18 June 2016
जबान संभाल के
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