Saturday, 23 July 2016

नानी - मॉ की भी मॉ और सब पर भारी

मेरी नानी सबसे प्यारी ,बडी मेहनती और मिलनसार
मॉ नाराज हो तो पिटाई से बचने के लिए जा दुबकते नानी की गोद में
ऑख दिखाती मॉ को भी डॉट बताती
उसके आगे मॉ की कुछ भी नहीं चलती
वह तो मॉ की भी मॉ है
अच्छे - अच्छे पकवान बनाती ,प्रेम से हमें खिलाती
नित नई कहानियॉ सुनाती ,आजादी के दिनों की बात बताती
क्रांतिकारी की बेटी है ,बापू और सुभाष से मिली कैसे
अंग्रेजों का कहर और छावनी की बात बताती
ईश्वर का भजन और प्रवचन सुनाती
हर त्योहार की रौनक नानी
सबकी बाट जोहती रहती हरदम
हर कठिनाई का हल ढूढती
हमारे जीवन को सरल बनाती
अ ब क ड से लेकर a b c d भी सिखाई
फुट्टे पर लिखकर और चित्र लगाकर पहचानना सिखलाया
सुई में धागा डालना ,क्रोशिये से बुनना सिखलाया
इडली -पोहा से लेकर कचौरी - समोसा
हर पकवान बनाने में माहिर.
पडोसियों और परिवार से प्रेम और स्नेह
अन्नपूर्णा है यह, रसोई कभी न रहती खाली
बोलती तो कम ,मौन और ऑसू है इसका अस्र
बिना बोले ही सब जाए हार
बिजली के बिल से बैंक का काम भी कर सकती नानी.
गाने में भी है माहिर
शॉत ,कर्मठ ,सहनशील ,दयालू ,ईश्वर भक्त
हर गुण से परिपूर्ण है मेरी नानी

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