हर जिंदगी की एक कहानी है
किसी का कम तो किसी का ज्यादा
सबका खारा पानी है
कुछ कहती कुछ बतलाती
यह उसकी खुद की जबानी है
कल,आज और कल को जोडती
सपनों की सैर कराती ,मन में आस जगाती
तिनका- तिनका जोड आशियाना बनाती
कभी उठती ,कभी गिरती ,कभी लडखडाती
उस पर भी संभलती जाती
हर तूफान को सहती
मझधार से निकलती
किनारे पर पहुँचने की आस सजोये
कभी खुशी कभी गम
पर फिर भी हार नहीं मानती
चलती ही जाती
हर सुबह की किरण के साथ आशा सजोती
हर शाम इन्तजार के साथ खत्म होती
न जाने कितने पल और कैसे पल
कहने को तो छोटी है
पर जब अपनी रफ्तार चलती है
तो समय को भी पीछे छोड जाती है
कभी- कभी इतनी लंबी हो जाती है
कि पल गुजारना मुश्किल हो जाता
किसी के लिए छोटी तो किसी के लिए बडी
यह तो उस पर निर्भर.
किसको क्या मिला
किसी की झोली खुशियों की सौगात से
किसी की गम के साथ
कब जाने कौन सा करवट ले
कुछ को जाने के बाद भी जीवन
कुछ को कोई याद करने वाला भी नहीं
जिंदगी मौका तो हर किसी को देती है
कोई सवर जाता है ,कोई खत्म हो जाता है.
इतनी आसान नहीं यह जिंदगानी
किसी का दिखता है किसी का नहीं
कोई ऑसू छुपाता है तो कोई दिखाता है
पर हर जिंदगी की कोई न कोई कहानी है
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Tuesday, 16 August 2016
हर जिंदगी की एक कहानी है
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