Wednesday, 16 November 2016

शब्दों की महामाया

अगर शब्द न होते तो भावना न व्यक्त होती
मन में उमड- घुमडकर जो विचार आते हैं ,उनको दिशा न मिलती
यह शब्द नहीं खजाना है
जो कागज पर उकेरा जाता है
एक शब्द ही है जो न जाने कितने विचारों को गति देता लोगों तक पहुँचाता है
आंनद ,दुख,प्रेम ,क्रोघ जैसी भावना
पंक्तियों में शब्दबद्ध हो ,वही तो है कविता
जीवन तो एक अनवरत चलने वाली यात्रा
इस जीवन में तथा बाद के जीवन में भी
शब्द ही तो है जो जीवित रखते हैं हमें
शब्द का जादू  जब चलता है
तो न जाने क्या- क्या घट जाता है
कविता ,लेख ,कहानी ,उपन्यास
जीवन को प्रभावित कर जाते हैं
समाज को दिशा और दशा दे जाते हैं
शब्दों के जादू को नकारा नहीं जा सकता
भाषा की अमूल्य देन है शब्द
शब्दों को जोडकर ही तो भाषा तैयार होती है

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